Wednesday, July 21, 2010

उपवास : सर्वश्रेष्ठ औषधि

दुनिया के सभी धर्मों में उपवास का महत्व है। खासतौर पर बीमार होने के बाद उपवास को सबसे अच्छा इलाज माना गया है। आयुर्वेद में बीमारी को दूर करने के लिए शरीर के विषैले तत्वों को दूर करने की बात कही जाती है और उपवास करने से इन्हें शरीर से निकाला जा सकता है। इसीलिए 'लंघन्‌म सर्वोत्तम औषधं' यानी उपवास को सर्वश्रेष्ठ औषधि माना जाता है।

संसार के सभी धर्मों में उपवास को ईश्वर के निकट पहुँचने का एक सबसे कारगर उपाय माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के परे यह निर्विवाद सत्य है कि उपवास करने से शरीर स्वस्थ रहता है। संभवतः इसके महत्व को समझते हुए सभी धर्मों के प्रणेताओं ने इसे धार्मिक रीति-रिवाजों से जोड़ दिया है ताकि लोग उपवास के अनुशासन में बँधे रहें।

आयुर्वेद समेत दूसरी सभी चिकित्सा पद्धतियों में उपवास यानी पेट को खाली रखने की प्रथा रही है। हालाँकि हर बीमारी का इलाज भी उपवास नहीं लेकिन यह अधिकांश समस्याओं में कारगर रहता है। दरअसल उपवास का धार्मिक अर्थ न ग्रहण करते हुए इसका चिकित्सकीय रूप समझना चाहिए। पेट को खाली रखने का ही अर्थ उपवास है।

यह आर्थराइटिस, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, हमेशा बनी रहने वाली थकान, कोलाइटिस, स्पास्टिक कोलन, इरिटेबल बॉवेल, लकवे के कई प्रकारों के साथ-साथ न्यूराल्जिया, न्यूरोसिस और कई तरह की मानसिक बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है। माना तो यहाँ तक जाता है कि इससे कैंसर की बीमारी तक ठीक हो सकती है क्योंकि उपवास से ट्यूमर के टुकड़े तक हो जाते हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि लीवर के कैंसर में उपवास कारगर नहीं होता।

उपवास के अनगिनत फायदे हैं। उपवास जितना लंबा होगा शरीर की ऊर्जा उतनी ही अधिक बढ़ेगी। उपवास करने वाले की श्वासोच्छवास विकार रहित होकर गहरा और बाधा रहित हो जाता है। इससे स्वाद ग्रहण करने वाली ग्रंथियाँ पुनः सक्रिय होकर काम करने लगती हैं। उपवास आपके आत्मविश्वास को इतना बढ़ा सकता है ताकि आप अपने शरीर और जीवन और क्षुधा पर अधिक नियंत्रण हासिल कर सकें।

हमारा शरीर एक स्वनियंत्रित एवं खुद को ठीक करने वाली प्रजाति का हिस्सा है। उपवास के जरिए यह अपने मेटॉबॉलिज्म को सामान्य स्तर पर ले आता हैतथा ऊतकों की प्राणवायु प्रणाली को पुनर्जीवित कर सकता है।

एक्‍सरसाइज के साथ करें रेस्‍ट भी

एक तरफ जहाँ फिटनेस एक्‍सपर्ट एक्‍सरसाइज करने की हिमायत करते हैं, उनमें से कई तो जिम में थका देने वाली एक्‍सरसाइज के बाद की जाने वाली रेस्‍ट पर भी ध्यान नहीं देते हैं। वहीं कुछ फिटनेस एक्‍सपर्ट यह कहते हैं कि एक्‍सरसाइज के बाद रि‍लेक्‍स न होना एक बड़ी गलती है। एक्‍सरसाइज के बाद रेस्‍ट बहुत जरूरी है। इसी वजह से वे लोग जो हेवी एक्‍सरसाइज हैं, वे बाद में बॉडी पेन की शिकायत करते हैं।

फिटनेस के दीवाने हीरो रितिक रोशन का कहना है कि 'शरीर जिम में नहीं बनता है, यह तब बनता है जब आप आराम कर रहे होते हैं। चाहे आपको वजन कम करना हो या फिर मसल बनाना, अच्छी नींद लें।' यदि कोई जि‍तना जरूरी है उतना आराम करता है, तो वह मसल्स की तकलीफ से बच सकता है। हाई इंटेसिटी वेट ट्रेनिंग में भी ट्रेनिंग के बाद के विश्राम ही मसल्स बनाते हैं।

आपकी सारी कोशि‍शों का रि‍जल्‍ट इसी दौरान मिलता है। तो यदि आप एक्‍सरसाइज के बाद के समय आराम नहीं करते हैं तो वे सारे प्रयास जो आपने व्यायाम के दौरान किए थे, व्यर्थ हो जाते हैं। स्टेटिक स्ट्रैच करके या शवासन करके आप अपने मसल्स को आराम दे सकते हैं। यह आपके शरीर से एड्रीनलीन की मात्रा कम करता है और आपके दिल के धड़कने की गति को संतुलित करता है।

एक्‍सरसाइज के बाद पानी पीना, संतरा आदि फल खाना भी अच्छा है। एक्‍सरसाइज के दौरान भी मसल्स को रिलेक्स करने की आवश्यकता होती है। यदि आप मसल्स को टोन करने वाला व्यायाम कर रहे हैं तो इसके हर सेट के बाद आपको 30 से 35 मिनट का समय देना चाहिए।

मसल्स को पर्याप्त आराम न मिलने से थकान होती है या फिर लगातार दर्द बने रहने से आपके शरीर को कोई क्षति हो सकती है। इसके साथ ही एक्‍सरसाइज करने के फायदे भी नहीं मिल पाते हैं। पीठ के बल जमीन पर लेटकर धीरे-धीरे साँस लेना और छोड़ना कड़े एक्‍सरसाइज के बाद आराम करने का सबसे बेहतर तरीका है। साँस लें और पाँच तक गिनें फिर साँस छोड़ दें। ध्यान का अभ्यास आपके शरीर के ही नहीं, मन के लिए भी अच्छा है।