अगर आप सोचते हैं कि मसल्स बनाना स्ट्रेंथ दिखाने की निशानी है, तो यह आपकी गलतफहमी है। दरअसल, इसके लिए आपको अंदर से मजबूत होना जरूरी है:
'मसल्स बनाना' और 'अंदर से मजबूत होना' दो अलग-अलग बातें हैं। इसलिए यह कतई जरूरी नहीं है कि स्ट्रॉन्ग बॉडी वाले व्यक्ति की हेल्थ बहुत अच्छी होगी। यही नहीं, अगर मसल्स बनाने के लिए आप गलत तरीके से एक्सरसाइज करते हैं, तो आप मजबूत होने के बजाय और कमजोर होते जाएंगे। ऐसे में आपको न सिर्फ चोट लग सकती है, बल्कि आप तनाव के शिकार भी हो सकते हैं। इसलिए एक्सरसाइज हमेशा किसी ट्रेनर की मौजूदगी में ही करनी चाहिए। दरअसल, ट्रेनर आपको आपकी बॉडी की जरूरत के मुताबिक सही पोजिशन में एक्सरसाइज कराएगा। इस तरह आपको चोट लगने की संभावना कम रहेगी। ध्यान रखें कि एक्सरसाइज से आप स्ट्रॉन्ग तभी बन सकते हैं, जब इसे सही तरीके से किया जाए।
स्ट्रॉन्ग मतलब...
स्ट्रॉन्ग का मतलब यह कतई नहीं है कि आप मैराथन दौड़ सकते हैं, बल्कि इसका मतलब यह है कि इसके लिए आपके अंदर जरूरी ताकत होनी चाहिए। मसलन आप घंटों खड़े रह सकते हैं, पूरी स्पीड में सीढ़ियां चढ़-उतर सकते हैं। अगर आपकी बॉडी स्ट्रॉन्ग नहीं है, तो आप खड़े होने या बैठने के गलत पोस्चर अपनाने लगते हैं, जिससे बैक प्रॉब्लम होने की संभावना बढ़ जाती है। गौरतलब है कि अगर आपकी कमर के आस-पास काफी फैट जमा हुआ है, तो आपके गलत पोस्चर में बैठने की संभावना ज्यादा रहती है।
कार्बोहाइड्रेट्स न करें अवॉइड
पतले होने की चाहत में अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम ना कर दें, क्योंकि यह ग्लाइकोजन के तौर पर आपकी मसल्स में मौजूद रहता है। आपको बता दें कि कार्बोहाइड्रेट्स से शरीर को ताकत मिलती है और इन्हें नैचरल फॉर्म में लेने के बाद आपको दूसरी तरह के सप्लिमेंट्स पर पैसे खर्चने की जरूरत नहीं है। अगर आप ज्यादा सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल करेंगे, तो आपके टेस्टोस्टेरॉन की ग्रोथ रुक सकती है। दरअसल, देखने में आया है कि ज्यादा सप्लिमेंट्स लेने की वजह से तमाम लोगों की बॉडी में नैचरल टेस्टोस्टेरॉन की कमी हो जाती है। यही नहीं, जल्दी मसल्स बनाने की चाहत में जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज भी ना करें। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि 45 मिनट से ज्यादा एक्सरसाइज करने पर बॉडी में कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) का लेवल बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रेंथ कम होती है और बॉडी में फैट बढ़ता है।
ऐसे बनें मजबूत
- आप जब भी कहीं खड़े हों, तो दोनों पैरों पर बराबर वजन डालकर खड़े हों।
- जब भी कभी आप बैठे हों या ट्रैवल कर रहे हों, तो थोड़े-थोड़े वक्त के बाद अपना पोस्चर चेंज करते रहें। दरअसल, अच्छा पोस्चर बनाना काफी मुश्किल है। पोस्चर चेंज करना याद रखने के लिए आप अलार्म भी लगा सकते हैं।
- सीढ़ियां उतरते समय भागें नहीं। इससे आपके घुटनों और जोड़ों पर काफी जोर पड़ता है। यही नहीं, इस तरह आपके पैरों पर आपकी बॉडी का दस गुना वजन पड़ता है। यही नहीं, अगर आपको एक बार में दो सीढ़ियां चढ़नेकी आदत है, तो इसे तुरंत बदल दें।
- किचन में काम करने के दौरान महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्लैब की हाइट उनके हिप जॉइंट के बराबर होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है, तो किचन की सेटिंग चेंज करवा लें। ऐसा न करने पर आपको कमर दर्द की शिकायत हो सकती है।
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