Wednesday, October 27, 2010

Sukhasana: सुखासन

सुखासन भी बैठकर किया जाने वाला योग है.  इस योग से शरीर को सुख और शांति की अनुभूति मिलती है.  यह योग श्वास प्रश्वास और ध्यान पर आधारित है.

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सुखासन के लाभ सुखासन शांति प्रदान करने वाला योग है.  यह ध्यान और श्वसन के लिए लाभदायक मुद्रा है.  इस योग से बैठते समय शरीर का जो पोस्चर होना चाहिए वह तैयार होता है.

सुखासन की अवस्था इस योग को आप ज़मीन पर बैठकर अथवा कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं.  योग करते समय सिर और रीढ़ ही हड्डी सीधी होनी चाहिए.  अभ्यास के दौरान नाक से सांस लेना और छोड़ना चाहिए.  योग अभ्यास के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि छाती स्थिर हो और पेट में सांस के उतार चढ़ाव का एहसास हो.  अभ्यास के दौरान लम्बे समय तक इस मुद्रा में बने रहना चाहिए इससे आपको अधिक मानसिक शांति मिलती है.


योग की क्रिया
स्टेप 1 पलथी लगाकर बैठें. स्टेप 2 दोनों पैरों को एक दूसरे को एक दूसरे के ऊपर लाएं. स्टेप 3 पैरों को खींचकर अपने नीचे लाएं. स्टेप 4 दोनों हाथो को घुटनों पर रखें और हथेलियों को
ऊपर की ओर. स्टेप 5 कंधों को आरामदायक स्थिति में झुकाएं और कोहनियों को थोड़ा पीछे रखें एवं छाती को  ऊपर की ओर तानकर फैलाएं. स्टेप 6 शरीर के  ऊपरी हिस्से को तानकर रखें एवं हिप्स को नीचे की ओर हल्का दबाएं. इस आसन का अभ्यास  5-10 मिनट कर सकते हैं.

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